Bhagwat Bhagwan Ki Aarti Likhi Hui | भागवत भगवान की आरती

श्रीमद् भागवत, जिसे भागवत पुराण के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में सबसे महान पुराणों में से एक है। यह हिंदुओं की सबसे पवित्र पुस्तक है और भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा अत्यधिक पूजनीय है। यह नारायण, उनके अवतारों और भगवान कृष्ण के विस्तृत विवरण के बारे में एक पुस्तक है।

भागवत भगवान की आरती लिखित में 

आरती भागवतजी की श्री भागवत भगवान की है आरती । 

पापियों को पाप से है तारती ॥ 

श्री भागवत भगवान  ये अमर ग्रन्थ ये मक्ति पन्थ, ये पंचम वेद निराला, नव ज्योति जलाने वाला । 

हरी नाम यही, हरी धाम यही, जग के मंगल की आरती ॥ 

पापियों को पाप से है तारती ॥ 

श्री भागवत भगवान ये शान्ति गीत पावन पुनीत, पापों को मिटाने वाला, हरि दरश दिखाने वाला । 

यह सुख करनी, यह दुःख हरिनी, श्री मधुसूदन की आरती ॥ 

पापियों को पाप से है तारती ॥ 

श्री भागवत भगवान ये मधुर बोल, जग फन्द खोल, सन्मार्ग दिखानेवाला,बिगड़ी को बनानेवाला ।

श्री राम यही, घनश्याम यही, यही प्रभु की महिमा की आरती ॥ 

पापियों को पाप से है तारती ॥ श्री भागवत भगवान की है आरती । 


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