॥शनिदेव की आरती॥ जय जय श्री शनिदेवभक्तन हितकारी। सूरज के पुत्र प्रभुछाया महतारी॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥ श्याम अंग वक्र-दृष्टिचतुर्भुजा धारी। निलाम्बर धार नार्थंगज की असवारी॥ जय जय श्री शनि…
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