श्री हनुमान जी की आरती आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्टदलन रघुनाथ कला की ॥ जाके बल से गिरिवर काँपे। रोग दोष जाके निकट न झाँके । ॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई। संतन के प्रभु सदा सहाई ॥ दे वीरा रघुनाथ पठाये। ल…
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