आरती श्री शंकर जी की ओं जय शिव ओंकारा स्वामी जय शिव ओंकारा ॥ ओ० ब्रह्मा-विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा ॥ ओ० ॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ओ० ॥ दो भुज चार चतुर्भुज दशभुज अति …
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