श्री दुर्गा चालीसा नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो अम्बे दुःख हरनी।। निराकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी।। शशि ललाट मुख महा विशाला। नेत्र लाल भृकुटी विकराला।। रूप मातु क…
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