महात्मा बुद्ध का जीवन: धर्म के नवीनतम प्रवाद और सन्देश


महात्मा बुद्ध का जीवन: धर्म के नवीनतम प्रवाद और सन्देश

महात्मा बुद्ध का जीवन एक अद्भुत यात्रा थी, जो हमारे मन को उजागर करके हमें धर्म के नवीनतम प्रवाद और सन्देश से परिचित कराती है। सिद्धार्थ गौतम बुद्ध के रूप में भी जाना जाता है, उन्होंने सत्य के पीछे जाने के लिए अपनी आत्मा को खोजने का संकल्प बनाया था। उन्होंने न तो तापस्या में अपना जीवन बिताया, और न ही संसारिक सुखों में लिप्त हो गए, बल्कि उन्होंने मध्ययुगीन भारतीय समाज की कपों में छुपी आत्मा का पता लगाया और मुक्ति के मार्ग के बारे में लोगों को सूचित करने का प्रयास किया।

सिद्धार्थ बुद्ध का जन्म लुमबिनी (नेपाल) में 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था। उनके पिता शुद्धोधन गौतम राजा थे, जो ईसा से चार सौ वर्ष पूर्व के लगभग थे। सिद्धार्थ के जन्म के दिन ही, एक विश्वभरी महाधिपति ने भविष्यवाणी की थी कि सिद्धार्थ महान होंगे और वे या तो एक महाराजा बन जाएंगे या फिर संन्यासी होंगे।

सिद्धार्थ का पिता बहुत ही सुखी और आत्मसात् थे, उनको बिल्कुल भय और रोग भी नहीं था, वह चाहते थे कि उनका पुत्र भारतीय राज्य के शासन का कुर्सी पर बैठे। इसलिए, बचपन से ही सिद्धार्थ को रोयल लाइफस्टाइल, सभी सुख और आराम का सब कुछ दिया गया। लेकिन एक दिन जब सिद्धार्थ केवल एक छोटे से विपत्ति से सामना करने के लिए बाहर गये, उन्होंने जीवन के असली उद्देश्य को समझ लिया था।

बुद्ध का जीवन पूर्णता, कर्मवीमर्श और आध्यात्मिकता की ओर प्रमुखता से ध्यान केंद्रित करता है। सिद्धार्थ ने अपने राजमहल के लीला-खेलों में छलनी की जगह ठान ली और ज्ञान की खोज करने के लिए नाता तोड़ दिया। उन्होंने पूरे ईमानदारी के साथ आपके सामर्थ्यों का उदय किया था, संतोष में सबुरी की कापी बनाई थी और नैतिक अचार बने रखे थे। उनके अनुनयन के पश्चात् वे तत्त्वज्ञान की पुस्तकें पढ़ने के लिए उच्चतम विद्यालयों में भेजे गए।

तत्त्वज्ञान के नवीनतम आदेशों को प्राप्त करने के बाद, महात्मा बुद्ध ने संग्रहवां जनसमूहों में भाषण देना शुरू किया और उन्होंने जीवनशैली के लिए एक नयी दिशा प्रदान की। उनके प्रवचनों का मुख्य तत्व था अहिंसा, जीवन का अच्छा और आध्यात्मिक मूल्य, और आत्म-सामर्थ्य को प्राप्त करने के लिए योग्यता।

महात्मा बुद्ध का प्रवाद दर्शाता है कि सुख का अधिलाभ पाने के लिए मनुष्य को दुःख से उभरना पड़ता है। उन्होंने सादर अपना ध्यान अधीनस्थ वस्तुओं में स्थापित किया, शरीर और शरीर के विकारों के मद्देनजर उन्होंने संयम, निर्जरा और आत्म-नियंत्रण की शिक्षा दी।

धर्म के प्रवचनों को फैलाते हुए, उन्होंने ऐतिहासिक गहनताओं को पलट दिया और ज्ञान के मार्ग को साझा करने के लिए अपनीं शिष्य श्रमणों की संख्या में वृद्धि कराई। महात्मा बुद्ध ने धर्म के सन्देश को पूरे विश्व में फैलाने की भी कोशिश की और अपने प्रवचनों की रूपरेखा को प्रतिध्यारित करने की कोशिश की।

महात्मा बुद्ध का जीवन हमें दिखाता है कि सच्ची मुक्ति के लिए प्रतिज्ञा, कर्मयोग, और अच्छे आदर्शों का पालन आवश्यक है। वे सहज और शांतिपूर्ण रूप से अहिंसा, सदाचार और मैत्री का पालन करते थे। उन्होंने यह सिद्ध किया था कि हम सभी एक ही आत्मा का भागी हैं और सबको शांति, सुख, और समृद्धि की ओर जाना चाहिए।

इस प्रकार, महात्मा बुद्ध का जीवन हमें धर्म के कोरे सिद्धांतों को समझने और उन्हें अपनी दैनिक जीवनशैली में अंकित करने के लिए संकेत देता है। धर्म में ज्ञान और आश्चर्यचकित करने वाली बात है, जिसे हमारे जीवन में व्यापक रूप से अपनाकर हम दुःख से उभर सकते हैं और सच्ची प्रगति और उन्नति कर पाएंगे। बुद्ध के संदेश को अपनाकर हम अपने दिनचर्या में सत्य, न्याय, और मैत्री को प्रमुख बना सकते हैं और स्वयं को एक और ऊँचाई पर उठा सकते हैं।

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