हिटलर: एक गुस्सैल जीवनी का खुलासा


हिटलर: एक गुस्सैल जीवनी का खुलासा

ऐतिहासिक तबके में अद्वितीय व्यक्ति का नाम “आडॉल्फ हिटलर” है। उनका नाम पूरे विश्व में गालियों और आलोचनाओं की बौछार से चिढ़ित है। हिटलर के जीवन की एक गहराई में जाने से पहले, हमें उसकी व्यक्तित्व और संघर्ष की समय रेखा पर नजर डालने की आवश्यकता होती है।

जन्म: आडॉल्फ हिटलर का जन्म 20 अप्रैल, 1889 को ऑस्ट्रिया के ब्राउनाऊ अम इन ईंश्टाइन में हुआ था। उनके पिता का नाम “आलोइस हिटलर” था और माता का नाम “क्लारा हिटलर” था। हिटलर परिवार संपूर्ण मेंटलिटी के कारण अपने माता-पिता की मौत के दो वर्ष बाद, सिंपल और फ़ांग नामक स्थानीय गाँव में रह रहे निरंतर विद्यालयी छुट्टियों में अकेले रहते थे।

जंग का कारण: पहले विश्व युद्ध के दौरान आडॉल्फ हिटलर एक पैंथर वकीलकोटवाला बनने का सपना रखते थे लेकिन वियना में खींचाई और घर के बाहररवाली ड्रैगनोविच नेतृत्व के अल्टर-त्रेकिंग समूह से जुड़ना पड़ा और वे जर्मन केवलर पक्ष के सदस्य हो गए। उनका युवावस्था बिताना संघर्षयुक्त रहा और समाज के नकारात्मक दबाव कोकर शारीरिक समृद्धि को प्राप्त करने के बाद उन्होंने बाल्टिक कडेट कॉर्पस में नामांकन किया। इससे पहले कि युवा हिटलर इंजिनियर बन सकें, उन्हें सुनारी कोति से बाहर किया गया जिससे उन्हें दो साल अनुभव करने का अवसर प्राप्त हुआ।

सत्ता में आना: 1933 में आडॉल्फ हिटलर जर्मनी चन्सलर बने और यह एक नया युग की शुरुआत थी। उन्होंने नाजी पार्टी के नेतृत्व में बदलाव का संकेत दिया जिसे हम आज जर्मन नाजद्वारा जानते हैं। हिटलर की वृद्धि और प्रभावशाली वक्तव्यों के बावजूद, उनका सत्ता में आना और आदिकारी राजनीतिक प्रणाली की स्थापना उनके पर्यावरण के कारण हुई जहां राष्ट्रीयता, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के प्रश्न फ़ौरन उठने लगे।

हिटलर की सोच और आचरण: हिटलर की विचारधारा का मुख्य ढांचा “अरियन श्रेष्ठता” थी और उन्होंने जर्मन राष्ट्रीयता को आदर्श रूप दिया था। विश्व युद्ध के नतीजे के बाद, हिटलर ने यह सोचाकर जो भी किया उसे धार्मिक परम्परा और सर्वप्रथम जर्मन हित पर आधारित किया। उनकी हितकर राष्ट्रीय नीतियों में इलेक्ट्रीक आपूर्ति और सड़क निर्माण जैसी मेगा प्रोजेक्ट्स, आर्थिक आदान-प्रदान पृथक्करण, और युद्ध के समय वक्तव्य में घरेलू और विदेशी दुश्मनों पर दबाव के साथ जुड़े योजनाओं और निर्णयों पर ध्यान केंद्रित हुआ।

जनहित या जननायक: इसके बावजूद, आडॉल्फ हिटलर के राष्ट्रपति पद की गाथा संयोजित हुई है। कुछ लोगों के लिए वे एक विशेष पात्र और नेतृत्वी के प्रतीत होते थे जो जर्मन प्रजाओं की संघर्षमय झुलस राजनीति में निर्माता थे। उन्हें इतनी शक्ति मिली कि उन्होंने नाजी जर्मनी को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाया। वे संगठित और समुदायों पर ध्यान केंद्रित जंगरू के तरीके के परिणामस्वरूप अनुकरणीय एथोस के साथ जुड़े रहे।

निष्पाप ये नहीं थे: हिटलर को वॉर्मिंट कटीले और आदमखवाहिनी की शक्तयां मिली, लेकिन ऐतिहासिक रूप से उन्हें एक औद्योगिक नरक के कैंपों, भ्रष्टाचार और हत्याओं के माध्यम से ध्वस्त किया गया। हिटलर के गद्दार आदान-प्रदान थे, जैस*असे श्रेष्ठ विज्ञानकर्मी और फран्सीसी अभियंता जॉनस ईजबर्ट, जिन्हें हस्ताक्षर की अनौपचारिक ज़रूरत आवश्यक थी जब उन्होंने अद्वितीय तरीके से यहूदियों के विलय के लिए ओर्चेस्ट्रेशन शुरू की।

अंतिम दिनों: 1945 में जब द्वितीय विश्वयुद्ध की जीति आगी, हिटलर स्वयंकोष किया गया और उन्होंने अपनी अंतिम वाणी (शायद एक स्विटज़रलैंड के रेडियो स्टेशन में नहीं सुनाया गया) में लोगों को प्रेरित किया कि अपनी नई जर्मनी के मानहाने के लिए अत्यंत परिताप करें। घिड़ी की पट्टी पर उनके नाम से सिर ज्योंही संकरंन, उन्होंने एक गेल टेम्पल में जैसे गोलीमारी द्वारा आत्महत्या की।

हिटलर एक व्यापक नीतित्व का सर्जन थे, जो मानवाधिकारों, सन्तुलन, और गणतंत्रता के खिलाफ था। उनका जीवन एक सशस्त्र और पुराने विचारधाराओं के साथ कटेगा और औरंगजेबवाद और अन्तर्राष्ट्रीय नफ़रत की भाषा के ताने-मार से पुराने खिदरगाहों को बलप्रद और चिंताजनक बना देगा। हिटलर की राजनीतिक जीवनी और व्यक्तित्व अब तक भावनात्मक चर्चा का विषय रही है और उनके आप्रवासी संगठन फिर से प्लेस्टिकतापूर्णता और नफ़रत को छाया मिलते हैं। हिटलर के जीवन के ये रंग-बिरंगी छवियाँ हम सबके द्वारा गहरायी गई एक नग प्रतिबिंब हैं, जो हमें याद दिलाते हैं कि इतिहास और व्यक्तित्वों के विभिन्न पहलुओं को समझने की आवश्यकता होती है।

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