इंडिया में कृषि क्षेत्र को नया दम: नानाजी देशमुख कृषी संजीवनी योजना


भारत एक कृषि प्रधान देश है और उसकी आर्थिक वृद्धि की मूल नींव कृषि क्षेत्र पर टिकी हुई है। विभिन्न राज्यों में कृषि धनी क्षेत्रों का उत्पादन न केवल ऊँचा बढ़ा रहा है, बल्कि ये भी तबका उठा रहे हैं जिसमें गरीब किसानों की भूमिका भी शामिल हो रही है। नानाजी देशमुख कृषी संजीवनी योजना इसी दिशा में एक सकारात्मक कदम है जो गरीब किसानों को सहायता प्रदान करके कृषि क्षेत्र को नया दम देने का लक्ष्य रखती है।

योजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2019 में किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य है किसानों की आय को बढ़ाना, उन्नत और समृद्ध कृषि प्रदार्थों की पहुंच बढ़ाना, मार्गदर्शित कृषि काठिनाई समस्याओं का समाधान करना और कृषि से जुड़ी तकनीक और ताकतों का उपयोग करके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना है।

इस योजना के अंतर्गत, गरीब और वंचित किसानों को विभिन्न धान, गेहूं, दालहनी और तिलहनी जैसे फसलों के उत्पादन में सहायता प्रदान की जाती है। इसके साथ ही, उन्नत तकनीक और सुरक्षित खेती के लिए मोटर एवं सौर ऊर्जा सम्बन्धी उद्योगों के लिए अनुदान भी उपलब्ध किए जाते हैं। योजना में किसानों को योग्यता आधारित प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है ताकि उन्हें नई तकनीक और विज्ञान की जानकारी हो सके जो उनकी उत्पादनता को बढ़ा सके।

योजना के माध्यम से गरीब किसानों को सामरिक ताकत प्रदान करने के लिए कृषि मशीनरी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाता है। किसानों को खेती के लिए डाँकिया, कम्पोस्ट बनाने की यूनिट, बीज बिचाने वाली मशीन और अन्य कृषि मशीनरी के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इससे किसानों की मेहनत में कमी होती है और वे अधिक उत्पादन कर सकते हैं।

योजना ने किसानों की कठिनाइयों का समाधान करने के लिए भूगर्भ विशेषज्ञों के समूहों की सहायता भी ली है। इन समूहों ने मौसमी तथा जलवायु परिवर्तन के बारे में विज्ञान की मदद से किसानों को सर्वश्रेष्ठ उत्पादन के लिए मार्गदर्शन किया है। बीज तथा उर्वरक उद्योग की सहायता से भी किसानों को उत्पादकता में वृद्धि हुई है तथा उनकी रोमचक खेती को बेहतर बनाने में मदद मिली है।

कार्यक्रम की ऎकाई भी गरीब किसानों को विपणि और बिक्री मार्गदर्शन के लिए स्थापित की गई है, जो उनके उत्पादों की उच्च मूल्यांकन और विपणन में कामकाजीता प्रदान करती है। योजना के लाभार्थी किसानों को विकास की दिशा में निरंतर मार्गदर्शन और सहायता मिलेगी ताकि वे अपनी खेती को लेकर प्रगति कर सकें।

नानाजी देशमुख कृषी संजीवनी योजना ने कृषि क्षेत्र को नया दम देने के लिए कदम उठाए हैं। यह योजना गरीब किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखती है और उन्हें तकनीकी और सामरिक सुविधाएं प्रदान करके उनकी खेती में वृद्धि करने का निर्माण करने में सक्षम होगी। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय कृषि सेक्टर में नई जगह चीन ले रहा है और एक विश्व दरिया औद्योगिक शक्ति के रूप में उभरकर सामरिक रूप से विकासित हो रहा है।

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