विज्ञान की मास्टर कल्पना चावला की बेहतरीन जीवनी


विज्ञान की मास्टर कल्पना चावला की बेहतरीन जीवनी

आपको देश और दुनिया के चांदनी चौक से सिर्फ़ पधारने की इच्छा होती है तो आप मधुरिमा चावला, विज्ञान की मास्टर कल्पना चावला के बारे में जरूर सुने होंगे। चावला जी का नाम साकार विज्ञान के इतिहास में स्थान बनाने के लिए अविस्मरणीय रहा है। उनकी जीवनी अमर बनकर कहानी किताबों, विचारों और प्रेरणादायक आंदोलनों में आभासी रूप से मौजूद है।

मास्टर कल्पना चावला का नाम इंडियान रेलवे के इंजीनियर के रूप में चमका था, परन्तु वे सतत गतिशीलता से ऊचाईयों की तरफ बढ़ रही थीं। उन्होंने अपनी छोटी सी उम्र में ही संगठनीय कौशल के क्षेत्र में अपनी प्रवीणता दिखाई। नेहरू युवा केंद्र, 14 More than Equals, और स्पष्टता विभाजन में वे, उनके अंतरराष्ट्रीय बिरांवसी और ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय, माउंट आबु के माध्यम से अपनी ज्ञानवर्धक सामरिकता बढ़ा रही थीं।

मास्टर कल्पना चावला का सपना था कि एक दिन वे अरब सागर के नीचे तैयार बने स्पेस ट्रावल और नगर यात्रा का अनुभव करेंगी। उन्होंने संघर्ष कींच तक हासिल करते हुए जब अंतरिक्ष एजेंसियों में प्रवेश नहीं किया जा सका, तो उन्होंने सी. एम. ई. सी. से अपनी मास्टर्स की पढाई उत्तीर्ण की और फिर नीला चुनर उड़ने के लिए हैदराबाद संख्या ८०४ जरूरी परीक्षा सफलतापूर्वक पारित की। कल्पना चावला इसलिए विमुद्रित हुईं क्योंकि उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक मंचों की ओर से प्रशिक्षण भी मंगाया था।

कल्पना चावला को और उनके सहप्रवासी भारतीय विमानन के इतिहास में एक ललकार की ऐतिहासिक क्षणों में से एक कंठविभूषित किया गया जिसके द्वारा काठमाडू सहित कई अंतर्राष्ट्रीय नगरों के उद्घाटन में उन्नति की भूमिका निभाई। दिसंबर १७, १९८३ को काठमांडू के निकट उनके यात्रा का नाम समर्थन मोड़ग्यो। सरकारी विमान पितामह के इतिहास में सबसे पहली बहिन कप्तानदेबी बनने का नाम शिल्पा कल्पना चावला ने ही भी इतिहास रचा था। तब ही तक का बहिनः वैज्ञानिक संगठनों द्वारा विमानों का उत्तेजना देने का कार्य विशेष रूप से राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी के कारण कार्य किया गया।

सौभाग्य यह है कि चावला जी को उनकी कार्यकाल के दौरान काई प्थयों के माध्यम से कपूट नहीं किया गया। चावला जी का व्यक्तित्व, उनकी कार्यशैली, तत्विक गुण और संघर्षशीलता को उन्नति लाने के लिए उन्होंने अपनी बहादुरी, असली कार्यशीलता और विभिन्नताओं का उपयोग किया। जब नासा के अंतरिक्ष यात्री काल्पनिक ही होने लगे तब भी वे एक सपना समय समय पर दिखाई देते थे।

विज्ञान की मास्टर कल्पना चावला की बेहतरीन जीवनी उनकी सामरिकता, उनकी उम्रीकाथ, उनकी उपलब्धियों, उनकी प्रतिध्वनियों और उनकी प्रेरणादायी करियों को दर्शाती है। उन्होंने अपने जीवन की यात्रा में हमेशा सतत योगदान दिया है और यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाने वाली महिला ज़हिरा अब्दुल्ला, माउंटेनियरिंग के बैरोनेसा बानगी, भारतीय संग्राम महिलाओं का उदाहरण बने रहेंगी।

यह आम्ही जरूरी है कि ऐसी महिलाओं को हमेशा आदर्श बताने की जरूरत है जो सर्जिकल स्ट्राइकींग से पूरी दुनिया में मचाई हुई क़ायमत में भी खड़ी हो जाए, और अंतर्राष्ट्रीय सट्टा पुरुषों के मोहित चरणो में भी पाए जाने पर अन्तिमतः न टेवर माझबूती पा सके।

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