जानिए डॉ भीमराव आंबेडकर के उद्यान में कैसे बदल गई दुनिया


डॉ भीमराव आंबेडकर के उद्यान को भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण और आदर्श स्थल माना जाता है। यह एक ऐसा स्थान है जहां आंबेडकर जी के विचारों का प्रकाश, उनके जीवन और कार्यक्षेत्र का ज्ञान हमेशा सुरक्षित रहा है। वर्तमान में डॉ भीमराव आंबेडकर के उद्यान के विकास का एक दिलचस्प पहलू देखने को मिलता है। इसे महाराष्ट्र की मात्र 45 वर्षीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग (एसटी एवं एसटी कालेज) और डीसीआपीके (DCAPC) के माध्यम से विकसित किया जा रहा है।

अब यह उद्यान न केवल एक पाठशाला प्रतीत होता है, बल्कि यहां विद्यार्थियों के पठन-पाठन को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए विभिन्न योजनाओं की सीमाएं खोली गई हैं। उद्यान में एक कम्प्यूटर लैब, बुक कॉर्नर, पर्यावरण प्रदूषण के लिए उपकरण, वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए दोरदृष्टि प्रयोगशाला, एक प्लेग्राउंड और विशेष तरीके से निर्माण की गई हरित ढांचा, इत्यादि हैं।

जुबली हिल्स के इस उच्च स्थान पर स्थित यह उद्यान अत्यंत खूबसूरत है, जिसे हर वर्ष लाखों लोगों ने देखा है। यहां की पॅविलियनगेट्राल्स, विक्रेताओं और उद्यानदीदारों के साथ-साथ पत्रकारों को भी प्रतिष्ठानित किया जाता है।

इस उद्यान का मुख्य उद्देश्य अंदरुनी कौशल के विकास को बढ़ावा देना है। यहां के प्रशिक्षण हाजिर हैं जिनसे विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले छात्रों को आवश्यक सामरिक प्रशिक्षण मिलता है। इसे एक ठीक से संचालित और संगठित संस्था के रूप में निर्माण किया गया है, जिससे यह अन्य संस्थाओं की तुलना में आधिक अध्ययन संस्थान का दर्जा प्राप्त करता है।

यहां पर्यटकों और अन्य आगंतुकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रकार के योजनाएं चलाई जा रही हैं। एक ऐसी योजना है “बचात्रा”. बचात्रा का मतलब होता है बकरे या मेंढ़क। इसके अंतर्गत, यहां पर्यटकों को बकरों को देखने का अद्वितीय अवसर प्राप्त होता है। यह एक उच्चतम बिंदु पर स्थित है और बकरे के साथ थोड़ी प्रशांत मेरू और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए स्थानीय निवासियों द्वारा चलाए जाते हैं। इसके साथ ही, अन्य योजनाओं के तहत अद्वितीय तीर्थ स्थलों का भी विकास किया जा रहा है जिससे पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।

उद्यान में विद्यार्थियों को प्रेरित करने के लिए कई विचारों को शामिल किया गया है, जिनमें संभाषण तकनीक, नाटक, नृत्य, गीत आदि शामिल हैं। अब विद्यार्थियों को न केवल अच्छे अंक प्राप्त करने का, बल्कि साथ ही साथ सामरिक, आर्थिक और मानसिक उन्नति के लिए भी प्रशिक्षण मिलेगा।

यह अन्य प्रमुख शहरों की तुलना में ग्रीनरी में एक ऐसा मंच है, जहां विद्यार्थियों के शोध पेपर और परियोजनाओं को प्रमोट करने का अद्वितीय मंच उपलब्ध है। इसका अर्थ है कि उद्यान विद्यार्थियों के लिए न केवल अध्ययन का स्थान है, बल्कि यहां वे अपने शोधकर्ताओं, विज्ञानिकों और वैज्ञानिकों के संपर्क में रह सकते हैं।

इस आदर्श उद्यान के द्वारा दर्शाया जा रहा है कि जब प्रतिष्ठा के साथ ज्ञान का विकास खातिर संघर्ष होता है, तो संघर्ष कभी नहीं टुटता है। यहां के विद्यार्थी न केवल डॉ आंबेडकर के विचारों का महत्व समझते हैं, बल्कि उनके प्रेरणा स्थल के रूप में इनका अप्रतिम योगदान भी मानते हैं। अब तक, यह उद्यान न केवल अच्छा देश में स्थापित किया गया है, बल्कि ग्लोबल स्तर के नहीं भी, बल्कि एक ऐसे उन्नयन के केंद्र के रूप में भी जो हमारी संगठनात्मक प्रगति के साथ सिद्ध होता है।

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